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भारतीय स्त्रियों के आधुनिक उद्धारक...***************************बाबासाहेब डा. अंबेडकर ने हमारे संविधान में भारतीय महिलाओं के हजारो वर्षो की पुरूष प्रधान समाज के शोषण एवं गुलामी से मुक्ति के लिए भारतीय संविधान में किये गए विशेष उपबंध जिसके उपरांतइस देश की महिलाओ को हजारो वर्षो के पश्चात् मनुवादी व्यवस्थओ से मुक्ति मिली
.1....बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को अद्भुत सम्मान दिया..
2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य किया
.3.....बेटे की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में अधिकार का प्रावधान किया
4..... गोद लेने का अधिकार दिया
5. तलाक लेने का अधिकार दिया
6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया
7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया
8.समान काम के लिए पुरुषो के सामान वेतन पाने का अधिकार दिया
9....स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का प्रावधान किया
10. भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया
11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा किया
12. लिंग भेद को खत्म किया
13. बाल विवाह पर रोक लगाया.
14....रखनी प्रथा , वेश्यावृति पर रोक
15. धार्मिक स्वतंत्रता एवं शिक्षा का अधिकार दिया
16. मताधिकार का अधिकार दिया
17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला
18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया.
ये सारे अधिकार sc, st, obc, Gen, minority, सभी महिलाओं के लिए बनाया. इस संविधान के पूर्व भारतीय स्त्रियां.. पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह हिन्दू शाश्त्र है.... ऋग्वेद में स्त्रियों को झूठी कहा गया.., उनके मन को भेड़िये जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति आकर्षित हो जाने वाली बताया।रामचरित मानस में तुलसी ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया, गीता में पापयोनि वाला बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिराया....लेकिन बाबासाहेब डा. बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 13 में इन सारे "शास्त्रीय नियमों"को ध्वस्त कर... उन्हें एक इंसान के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का हक़ दिया
शायद भारतीय महिलाये इन तथ्यो से अनभिज्ञ है........... जो 33 कोटी देवों ने नहीं दिया वो सिर्फ बाबासाहेब ने दिया क्या आज हमारी माता, बहन ये बात जानती है , जय संविधान जय भारत
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