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Showing posts from January, 2016

चला ना बाबा तुम्हाला दलित समाज दाखवतो..जे लढले जातीसाठी

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http://realgodofindia.blogspot.in/ चला ना बाबा तुम्हाला तुमचा दलित समाज दाखवतो.. काय ते तुमचे सैनिक होते.. जे लढले जातीसाठी अन काय ते विजयी सोहळे होते जे सजले तुमच्यासाठी.. पण आज तुमचाच भीम सैनिक दोन दोन गर्लफ्रेंड वागवतो अन कशी पाण्याची तहाण बिअरवर भागवतो.. चला नं... बाबा तुम्हाला तुमचा दलित समाज दाखवतो.. घरी बाप आत्महत्या करुन मरतो तरी तुमचा सैनिक दारु मटनाच्या पार्टीसाठी झुरतो.. राजकारण्यांची धुनी भांडी करतांना यांचा आत्मा तरी कुठं दुखावतो.. बघा बाबा तुमचा सैनिक स्वाभिमानाच्या नावाखाली मान झुकवतो.. चला नं... बाबा तुम्हाला तुमचा दलित समाज दाखवतो.. तिरंगेच्या नावाखाली खासदार आमदार आज कैक झाले.. सैनिक म्हणतात आता त्यांचे चेलेhttp://realgodofindia.blogspot.in/ त्यांचाही डोळा आता पक्षाचा अशोक चक्र पाहुनच सुखावतो.. म्हणुन सह्याद्रीच्या कड्याकडे हिमालय डोळे वर करुन रोखावतो.. चला नं... बाबा तुम्हाला तुमचा दलित समाज दाखवतो.. जनतेच्या मतासाठी दारात येऊन जे भिक मागतात. तेच पुढची पा

रोज पोलीस कार्यालय ,कोर्ट कचरी,मध्ये रोजच न विसरता जसे तुम्ही देवांची पुज्य करता न विसरता तसच बाबासाहेब आम्बेडकर यांना अभिवादन केलेच पाहीजे

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भारता मध्ये  देवाची पुज्य का केली जाते तर देवानी  मानवाला बनवले आहे म्हणून  http://realgodofindia.blogspot.in/  मग मला सांगा आपल्या देशाचा कायदा बाबासाहेब आंबेडकर यांनी निर्माण केले आहे म्हणून आपण सर्व  भारतीय  नागरिक  सुरक्षित  आहोत ना  मग सर्वांनी बाबासाहेबांना न  विसरता सकाळी  रोज वंदन केले पाहिजे ना  राव यात का तुमचा जादिवाद येतो? http://realgodofindia.blogspot.in/ रोज पोलीस कार्यालय ,कोर्ट कचरी,मध्ये रोजच न विसरता जसे तुम्ही देवांची पुज्य करता न विसरता तसच बाबासाहेब आम्बेडकर यांना अभिवादन केलेच पाहीजे कारण ज्या कायद्याच्या अंतर्गत तुम्ही काम करत आहेत ते फक्त यांच्या  मुळे प्रजासत्ताक दिन कोणामुळे? भारतीय संविधानामुळे, तर मग भारतीय संविधान कोणामुळे? विश्वरत्न, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्यामुळेच आहे. २६­ जानेवारी हा भारताचा "प्रजासत्ताक दिन" आहे. तो राष्ट्रीय सन आहे. त्याबाबत प्रत्येक भारतीयाला अभिमान आहे. म्हणूनच भारतातील प्रत्येक वाडी - वस्ती, गाव, विभाग, मोहल्ला, तालुका, जिल्हा, शहर, राज्य, आणि राष्ट्रात सर्वत्र प्रजासत्ताक दिन मोठ्या उत्साहाने

आज भी हम 150 साल पीछे है ,बाबासाहेब अम्बेडकर को शिक्षा के लिए जो संघर्ष करना पड़ा आज रोहित जैसे 100000 लड़के कर रहे है,आज भी जाती वादी वैसेही है

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हम आज भी आजाद नहीं है हम आज भी 150 साल पीचे है हम आज भी जो बाबासाहेब अम्बेडकर ने बुरे दिन का सफर कीये थे आज हम भी कर रहे है बाबासाहेब अम्बेडकर को कक्षा से बहार रहा कर पढ़ाई करनी पड़ी आज भी हमारे रोहित जैस कही लडके  वाही तो कर रहे है न जाने कितने रोहित आज भी ऐसे मुस्किलो का सामना कर रहे है   हम कैसे बोले हम आज़ाद है आज भी कही दलितों के साथ गांव गांव , में कभी पानी के बजेसे तो कभी शादी मे एक दलीत घोड़े पे कैसा बैट सकता है बोलके गांव के बहार कर रहे है,मार रहे है बोलो हम कैसे आज़ाद है हमारे नेता विदेश जाके बोलते है भारत देश बुद्ध की धरती है जहा बाबासाहेब का कायदा चलता है हम कैसे बोले नेताजी अगर ये बुद्ध की धरती है तो यंहा सबका समान अधिकार क्यूं नहीं है हमारे देश मे तो सिर्फ जातिवाद चलता है पाठशाला में जहा शिक्षा की देवी सावित्री बाई फुले का फ़ोटो हो ना हो लेकिन सरस्वती देवी का फ़ोटो जरूर मिलेगा पोलिस  कोठारी मे जहा कानून लिखने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर का फ़ोटो हो ना हो लेकिन गांधी जी का फ़ोटो जरूर होगा आज भी हमारे समाज में जो अंधे भक्त है कई उनके लिए मंदिर प्रवेश नहीं है, बोलो

रोहित के अत्यारो को सजा मिलनी चाहिए ,आज सारी दुनया को पता चल गया है हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जाती वाद काफी दिन से चालू था ,चालू है

  रोहित के अत्यारो को सजा मिलनी चाहिए सभी लोग रोहित के वीडियो सन्देश एक दूसरे  फॉरवर्ड करे हमारे समाज   को बचाने  के लिए एक दूसरे  को सुपोर्ट करे  रोहित  को लेके  आज कल की जो बीजेपी की वस्तु स्तिथि है   बीजेपी को पता चल गया है की  स्मृति ईरानी साहेबा, Union Minister Bandaru Dattatreya     अभी फस चुकी है तो  बीजेपी सरकार अभी रोहित को देशद्रोही कहरहे है ,कही सन्देश हमने पड़ा है   अंधे भक्त एक दूसरे को फॉरवर्ड कर रहे है रोहित गोमांस खाने में अवल था ,उसने एक आतंकवादी को सुपोर्ट किया  लेकिन इन अंधे भक्त को एक समज नहीं है की रोहित के बारे में पूरी जान करी ले  कोई कैसे किसी के बारे में बिना जानकारी के बोल सकता है              बोल  वाही सकता है जो अँधा भक्त हो  सालो रोहित एक जयभीम वाला पीएचडी कर रहा था वोभी एक टोपर था  जो मेरिट लिस्ट में टॉप १० था इसिलए उसका हैदराबाद यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला था   आज सारी   दुनया  को पता चल गया है हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जाती वाद काफी दिन से चालू था ,चालू है   जयभीम             

हमारे देश में चल क्या रहा है कभी किसी दलित को रिंग टोन को लेकर शिर्डी जैसे जगह पर मारा जा रहा है,तो कभी ,तो कभी

हमारे देश में  चल क्या रहा है         कभी किसी दलित को रिंग टोन को लेकर शिर्डी जैसे जगह पर मारा जा रहा है               किसीको जयंती उस्तव मे बाबासाहेब आंबेडकर के गाने को लेकर गाव के बहार किया जा रहा है  किसीको पानी के बजेसे बहार निकला जा रहा है फिर भी हम कितने दिन चुप रहे  हमरे नेता गण पैसा खाके,बाबासाहेब के नाम से वोट लेके मज़ा कर रहे है  किसी को मास खाने के बजेसे मर दिया जाता है  हमरे भारत में जानवर की कीमत है लेकिन इंसान की नहीं ऐसा हाल है     अभी अभी आवर एक हैदराबाद विश्वविधालय में                एक बहुत ही दुःखद घटना हैदराबाद विश्वविधालय में हुई है ! जंहा पर पांच मूलनिवासी छात्र होस्टल से निकाल दिए गये थे उनमे से पी.एच.डी के एक मूलनिवासी छात्र 'गुंटूर के रहने वाले रोहित वेमुला' ने आत्महत्या कर ली है. अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के छात्रों से विवाद के कारण व स्थानीय राजनैतिक लोगो के दवाब के कारण विश्वविधालय प्रशासन ने इन छात्रों को होस्टल से लेकर चुनाव लड़ने, लाईब्रेरी, मेस, व केम्पस में घुमने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. इसी वजह से यह पांचो छात्र, होस्टल के बाहर 'स

किसीने रोजा रखा, किसीने उपवास रखा सिर्फ कबूल उसीका होगा जो ख़याल रखे माँ,बाप का इंसानियात का

किसीने रोजा रखा, किसीने उपवास रखा  सिर्फ कबूल उसीका होगा जो माँ,बाप का  ख़याल रखेगा  किसके भक्त बनाने से पाहिले अच्छा इंसान बनो ,      हमारे दुखो का हाल तो सभी धर्म का हॉस्पिटल मे हि है  मुंबई दंगली, मुंबई, भारत (1992-1993)   गुजरात हिंसा, गुजरात, भारत (2002) - थेट क्रिया दिवस, कोलकाता, भारत (1946) 1967 रांची-Hatia दंगली 1980 मुरादाबाद दंगली 1984 भिवंडी दंगा 1984 शीखविरोधी दंगली 1987 मेरठ दंगली 1989 भागलपूर हिंसा हमरे देश मे हिंसा के कारण लाखो लोग मरे तभी हमारे मदत के लिये कोई फारीस्त नही आय ना कोई भगवान ,मरे तो हमारे  जैसे आम लोग ,  ना किसी नेतालोगोका कोई मारा ,  हम सब एक है हम सब भारतीये हैं , एकसाथ रहे कुश रहे ,एक दूसरे की मदत करे जयभारत

३३ करोड देवो के मंदिर ,+मस्जिद ,+चर्च ,+देवी , सबसे जादा करोडो कुपषण के शिकार भारत मे

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३३ कोरोड देवो के मंदिर  ,+मस्जिद ,+चर्च ,+देवी ,= सबसे जादा करोडो  कुपषण के शिकार भारत मे  करोडो लोगोको राहणे के लिये छत नाही है लेकिन हमारे  देश मे मंदिर,मस्जिद ,चर्च सब है फिर भी  सबसे जादा करोडो  कुपषण के शिकार भारत मे         इसका कारण इन्सान हम है,http://realgodofindia.blogspot.in/  हम किसी को एक वक्त का खाना नही    देते है लेकिन बिना मतलब का भगवान के नाम पर दान बिना सोचे ,समजे लाखो रुपया दान कर देते है ,हम कभी  ये भी नाही सोचते  हमारे भगवान ये पैसे का क्या करेंगे ,वो हमारे पैसे पे थोडी आस लागा कर  बैठे है             मंदिर मे दान देनेसे अच्छा है हम किसी गरीब को खाना  खिला दे तो हमारे  मन को शांती मिलेगी  १० लोग आपका ये नेक काम देखकर जरूर सलाम करेंगे  जयभारत                          मेरा भारत महान ://realgodofindia.blogspot.in/

भारत देशासाठी मुस्लिम समाजाचे योगदान

नेहमी प्रकाशझोतापासून अलिप्त राहुन देशसेवा करणारे मुस्लिम महापुरुषांचे महत्वाचे योगदान...... 1)महात्मा फुलेंना पुन्हा शाळेत टाकायला सांगणारे मुन्शी गफ्फार बेग 2) महात्मा फुलेना घर देणारे... उस्मान बेग 3)राष्ट्रमाता सावित्रीआई ला शिक्षणात मदत करणारी सहशिक्षीका फातिमा शेख 4) डॉ.बाबासाहेब आंबेडकराना जगप्रसिद्ध चवदार तळ आंदोलनाला आपली जागा देणारे फतेह खान 5)महात्मा गांधीच्या प्रभावाने दिड लाख पठाणांसहित अहिंसक सेना ऊभारणारे  खान अब्दुल गफार खान 6)छत्रपती शिवाजी महाराजांनी ज्या वाघनख्यानी अफजलखानाचा कोथला काढला ती ख़ास वाघनखे बनवून देणारे रुस्तुमे जमाल हनेनान 7)शहीद भगतसिंगला त्याच्या गुप्त ठिकाणावर भोजन पाठवणारे.., नसीम चंगेजी.. 8) 1757 सर्वप्रथम इंग्रजाविर ुद्ध लढा देणारे..,     हजरत.टीपू सुलतान व् बंगालचा नवाब      सिराजुदौला 9)छत्रपती शिवाजी महाराजांचे एकमेव वकील   काझी हैदर 10) 1857 च्या उठावामध्ये देवबंद दारुल उलुम् ते दिल्ली पर्यन्त फासावर लटकवलेले 58000 मौलवी व् त्यांचे असंख्य अनुयायी... सलाम या भारतीय मुस्लिमांना.  म्हणूनच मला गर्व ;नाहीतर माज

महार, मांग किंवा चांभार स्पृश्यांसाठी शाळा नव्हत्या म्हणून बाबा साहेबांनी जानेवारी 1925 मध्ये सोलापूर येथे वसतीगृहाची सुरुवात केली

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      http://realgodofindia.blogspot.in/ डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांना भारतातील अनुसूचित जाती आणि अनुसूचित जमातीच्या लोकांना शिक्षण आणि ज्ञान मिळवण्यापासून कोसो दूर ठेवण्यात आल्याची जाणीव होती. त्यामुळे त्यांनी या समाजामध्ये शिक्षणाचा प्रसार करता यावा. त्यांची संस्कृतिक प्रगती करता यावी म्हणून बहिष्कृतहित कारणी सभेची स्थापना जुलै 1924 मध्ये केली होती, या सभेच्या माध्यमातून माध्यमिक शाळातील विद्यार्थ्यासाठी प्रथम त्यांनी जानेवारी 1925 मध्ये सोलापूर येथे वसतीगृहाची सुरुवात केली. या सभेतर्फे मुंबईत मोफत वाचन कक्ष सुरु करण्यात आले. या शिवाय महार हॉकी क्लबची स्थापना करुन या समाजातील तरुणांना खेळामध्ये नैपुण्य मिळवण्याची संधी उपलब्ध करुन दिली.डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी 1928 मध्ये बहिष्कृत समाज शिक्षण संस्थेची स्थापना केली. डॉ. बाबासाहेबांनी 1928 मध्ये दोन वसतीगृह काढून शिक्षणाच्या कार्यास सुरुवात केली हेाती. त्यांनी प्रत्येक जिल्हयातील कार्यकर्त्यांनी जिल्हयाच्या ठिकाणी वसतीगृह स्थापन करुन अस्पृश्य  मुलांच्या हायस्कूलच्या शिक्षणाची मोफत राहण्याची व जेवणाची सेाय करावी. त्यामुळे गरीब व ह

कैसे विकास हो सकता है अपने देश का

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कैसे विकास हो सकता है अपने देश का जहां डेढ लाख सैलरी हर महीना पाने वाले सांसदो की सैलरी incometax free........ और 24 घंटे मौत की छांव मे रहने वाले सिपाही को बीस हजार सैलरी पर भी incometax देना पडता है.... सांसदो को परिवार के साथ रहते हुए भी हर साल पचास हजार phone call free.. घर से हजारो km. दूर बैठे सैनिक को एक call भी free नही... एक सांसद को फर्नीचर के लिए 75000 हज ार रु, बार्डर पर सैनिक को ड्यूटी के दौरान बारिस से बचने के लिए टूटी हुई छप्पर... सांसद को हर साल 34 हवाई टिकट मुफ्त, सैनिक ड्यूटी जाते हुए भी अपने पैसे से टिकट लेता है........ सांसद को वाहन के लिए 400000rs का ब्याज free लोन एक सैनिक को घर के लिए लोन भी 12% दर से मिलता है....... और ये सब वहां हो रहा है जहां पूरा देश इस सैनिक की वजह से अपने परिवार के साथ चैन से सोता है। क्या यही है भारतीयो शान, तो शान कहे हम भारतीय है-गर्व करें हम भारतीय है क्योकि वीर जवानो के शहीद होने पर भी पॉलिटिक्स होती है फिर भी भारतीय कहने में शर्म न करें। ऐसी स्थिती मे आप देश का विकास करने की सोच रहे है॥ और देश के

जिस महापुरूष ने अपनी पुरी जिन्दगी, अपना परिवार, बच्चे आन्दोलन की भेँट चढा दिये; उसका उनको क्या फल मिला

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बाबासाहेब अम्बेडकर को जब काका कालेलकर कमीशन 1953 मेँ  मिलने के लिऐ गया, तब कमीशन का सवाल था कि, आपने सारी जिन्दगी  पिछङे वर्ग के ऊत्थान के लिऐ लगा दी। आपकी राय मेँ ऊनके लिऐ क्या  http://realgodofindia.blogspot.in/, किया जाना चाहिए? बाबासाहब ने जवाब दिया कि, अगर पिछङे वर्ग का ऊत्थान करना है तो ईनके अन्दर बडे लोग पैदा करो। काका कालेलकर यह बात समझ नहीँ पाये। ऊन्होने फिर सवाल किया "  बङे लोगोँ से आपका क्या तात्पर्य है?" बाबासाहब ने जवाब दिया कि, अगर किसी समाज मेँ 10 डॉक्टर, 20 वकील और 30 ईन्जिनियर पैदा हो जाऐ, तो उस समाज की तरफ कोई आंख ऊठाकर भी देख नहीँ सकता। ईस वाकये के ठीक 3 वर्ष बाद 18 मार्च 1956 मेँ आगरा के रामलीला  मैदान मेँ बोलते हुऐ बाबासाहेब ने कहा "मुझे पढे लिखे लोगोँ ने धोखा दिया। मैँ समझता था कि ये लोग पढ लिखकर अपने समाज का नेतृत्व करेगेँ, मगर मैँ देख रहा हुँ कि, मेरे आस-पास बाबुओँ की भीङ खङी हो  रही हैँ, जो अपना ही पेट पालने मेँ लगी हैँ।" यही नहीँ, बाबासाहब अपने अन्तिम दिनोँ मेँ अकेले रोते हुऐ पाये गये। जब वे सोने

आज ६ जानेवारी, बाबु हरदास यांची ११२ वी जयंती. त्यांच्या महान कार्यास विनम्र अभिवादन व बहुजन समाजाला " जय भिम " नावाचा स्वाभिमानी शब्द दिल्याबद्दल कोटी-कोटी धन्यवाद...

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http://realgodofindia.blogspot.in/,              भिमसैनिकांचा असा एकही दिवस जात नाही की, ते " जय भिम " म्हणत नाहीत. " जय भिम " म्हणजे भिमाचा विजय असो ..... पण किती जणांना माहित आहे कि, "जय भिम" हा शब्द सर्वप्रथम कोणी समाजाला दिला ? तर त्या महान व्यक्तीचे नाव होते "बाबु हरदास" हरदास लक्ष्मणराव नगराळे  उपाख्य  बाबू एल. एन. हरदास  (१ ९०४-१९३९) हे स्वातंत्र्यपूर्व भारतातील एक  दलित  पुढारी व समाजसुधारक होते.  डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे  कट्टर अनुयायी असलेल्या बाबू हरदास यांना  जय भीम  या शब्दाचा अभिवादानासाठी उपयोग करण्याच्या प्रथेचे जनक मानले जाते. ते कामगारांचे नेते म्हणूनही प्रसिद्ध होते. ते डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी स्थापन केलेल्या  स्वतंत्र मजूर पक्षाचे  मध्य प्रांताचे सामान्य सचिव होते.            बाबू हरदास यांचा जन्म   कामठी   येथे   जानेवारी ६ ,   १९०४   रोजी एका महार कुटुंबात झाला. [   त्यांचे वडील लक्ष्मणराव नगराळे हे रेल्वे खात्यात कारकून होते. बाबू हरदास यांची मॅट्रीकपर्यंतचे शिक्षण   नागपूर   येथील पटवर्धन वि

बाबा साहेब आंबेडकर हे फक्त महाराचे नसून ते सर्व भारतीये समाजा चे होते हे कश्यावरून जर तुम्हाला वाठत आशेल तर हा लेख नाकी वाचा

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 आता परेंत हमच्या राजकीय नेत्यांनी बाबा साहेबांनी जी ओळख दिली आहे ती आता नाहीशी झाली पाहिजे ,कृपया करून बाबा साहेबांचे विचार आता सर्व समजा परेंत पाहोचले पाहिजे आणखी कुणा कडे जास्त माहिती आशेल तर नक्की शेर करा  बाबा    साहेब आंबेडकर हे फक्त महाराचे नसून ते सर्व  भारतीये समाजा चे होते  हे कश्यावरून जर तुम्हाला वाठत  आशेल तर हा लेख नाकी वाचा  १) भारतीये संविधान हा सर्व  भारतीये  नागरीका साठी समान आहे  २)ते कामगार मंत्री असताना त्यांनी जो कामगारा साठी कायदा बनवला आहे तो सर्व भारतीये  साठी समान आहे त्या मुळे आज सर्वांचे वडील  ८ तास  काम करत आहेत ,आपल्या वाडीला साठी पिफ ,कामगारा साठी दवाखाना सुविधा मिळाली पाहिजे म्हणून त्यांना कायदा बनवला  ३ महिला साठी ती कोणत्या पण धर्माची असो बालसंगोपनासाठी  सुटी घेऊ शकतात  ४) २७ सप्टेंबर १९५१ साली स्वतंत्र भारताच्या नेहरूंच्या नेतृत्वातील मंत्रिमंडळातून महिलांच्या हक्कांसाठी असलेले "हिंदू कोड बिल" पास न झाल्यामुळे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी कायदे मंत्री पदावर लाथ मारली आणि राजीनामा दिला होता !!  डॉ. आंबेडकरांनी भारतीय स्त्रियांवर अनेक उपक