आज भी हम 150 साल पीछे है ,बाबासाहेब अम्बेडकर को शिक्षा के लिए जो संघर्ष करना पड़ा आज रोहित जैसे 100000 लड़के कर रहे है,आज भी जाती वादी वैसेही है

हम आज भी आजाद नहीं है
हम आज भी 150 साल पीचे है
हम आज भी जो बाबासाहेब अम्बेडकर ने
बुरे दिन का सफर कीये थे आज हम भी कर रहे है
बाबासाहेब अम्बेडकर को कक्षा से बहार रहा कर पढ़ाई करनी पड़ी
आज भी हमारे रोहित जैस कही लडके  वाही तो कर रहे है
न जाने कितने रोहित आज भी ऐसे मुस्किलो का सामना कर रहे है
  हम कैसे बोले हम आज़ाद है
आज भी कही दलितों के साथ गांव गांव , में
कभी पानी के बजेसे तो कभी शादी मे एक दलीत घोड़े पे कैसा बैट सकता है बोलके गांव के बहार कर रहे है,मार रहे है
बोलो हम कैसे आज़ाद है
हमारे नेता विदेश जाके बोलते है भारत देश बुद्ध की धरती है जहा बाबासाहेब का कायदा चलता है
हम कैसे बोले नेताजी अगर ये बुद्ध की धरती है
तो यंहा सबका समान अधिकार क्यूं नहीं है
हमारे देश मे तो सिर्फ जातिवाद चलता है
पाठशाला में जहा शिक्षा की देवी सावित्री बाई फुले का फ़ोटो हो ना हो लेकिन सरस्वती देवी का फ़ोटो जरूर मिलेगा
पोलिस  कोठारी मे जहा कानून लिखने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर का फ़ोटो हो ना हो
लेकिन गांधी जी का फ़ोटो जरूर होगा
आज भी हमारे समाज में जो अंधे भक्त है कई उनके लिए
मंदिर प्रवेश नहीं है,
बोलो नेताजी हम कैसे बोले हम  आज़ाद है
                                 दोस्तों जयभिम
मेरा लक्ष्य है की मैं अपनी एक टीम बनाऊ जिससे बाबासाहेब के विचार सभी धर्म तक पहोंचे
आज भी काफी जानकारी जो उन्होने भारत देश के लिए सभी धर्म के नागरिक के लिए काम किया है
वो जानकरी सभी तक पाहोचना मेरा लक्ष्य है
क्योंकि आज  बाबासाहेब की पहचान सिर्फ वो एक दलित नेता थे, बनादी है इसके जिमेदार हमारे ही नेता गण है
जिस दिन सभी भारतीय को बाबासाहेब क्या थे मालूम पड़ा उस दिन हमें पुरे भारत मे किसी देवता का या देवी का मंदिर नहीं दिखाही देगा
  आज भी कही अंधे भक्त ,महिला,लड़के,काम में जानेसे पाहिले भगवान की पूज्या करके निकलते है
लेकिन इनको अभी तक पता नहीं
बाबासाहेब अम्बेडकर की बजेसे आज
इनको इनके माँ,बाप,फॅमिली को
8 घंटे का कामकाज,पेंशन, बोनस, डिलिवरी के टाइम महिला को छुट्टी भगवन ने नहीं बाबासाहेब अम्बेडकर ने दिलाई है
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