धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए नहीं
धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए
नहीं और जो धर्म तुम्हें इन्सान नही
समझता
वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है |
जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था है,
वह
धर्म नही,गुलाम बनाये रखने की साजिश
है।
-डॉ.भीमराव आंबेडकर
नहीं और जो धर्म तुम्हें इन्सान नही
समझता
वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है |
जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था है,
वह
धर्म नही,गुलाम बनाये रखने की साजिश
है।
-डॉ.भीमराव आंबेडकर
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